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Bharat ki nadiyan

नमस्कार मैं हूं प्रदीप आप सभी लोगों का मेरे ब्लॉग में स्वागत है आज की ब्लॉग में मैं आप लोगों के लिए परीक्षा में पूछे जाने वाले नदियों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह लेकर आया हूंl 1- भारत का सबसे पुराना पर्वत अरावली पर्वत हैl 2- अरावली पर्वत राजस्थान में स्थित हैl 3- हिमालय पर्वत को चार भागो में बांटा गया है A) पंजाब हिमालय B) कुमायूं हिमालय C) नेपाल हिमालय D) असम हिमालय पंजाब हिमालय की सबसे ऊंची चोटी K2 गॉडविन ऑस्टिन है यह भारत की भी सबसे ऊंची चोटी हैl भारत का सबसे ऊंचा दर्रा काराकोरम दर्रा हिमालय में स्थित हैl कुमायूं हिमालय की सबसे ऊंची चोटी धवलगिरी है जो कि उत्तराखंड में स्थित है  नेपाल हिमालय की सर्वोच्च पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (सागरमाथा) हैl असम हिमालय की सर्वोच्च चोटी कंचनजंगा हैl दक्षिण भारत की सर्वोच्च पर्वत चोटी अनामुदी है जो केरल के अन्नामलाई की पहाड़ी पर स्थित हैl अंडमान निकोबार की सर्वोच्च पर्वत चोटी सैंडल पिक है जबकि लक्ष्यदीप की सर्वोच्च पर्वत चोटी नारचो हैl

W. B. A fully completed with answer pdf

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विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे

अपवंचित बालक का अर्थ  - जन्म के उपरांत से ही बालक निरंतर विकसित होता है| यह विकास वंशानुक्रम के प्रभाव के अंतर्गत वातावरण के आधार पर होता है वातावरण का गुणात्मक प्रभाव बालक के विकास में सहायक होता है| प्रत्येक बालक का अधिकार है कि वह है अपना विकास प्राप्त अभिवृत्ति और योग्यताओं की सीमा तक करें और शिक्षा का उद्देश्य है कि बालक का विकास पूर्णतः हो| कुछ बालक ऐसे होते हैं जो सुविधाओं के क्षेत्र में सामान्य बालक से कम होते हैं| यह विभिन्न प्रकार की सुविधाओं जैसे आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक से वंचित रह जाते हैं यथा भाषा धर्म जाति क्षेत्र वर्ल्ड लिंग के कारण अपवंचित रह जाते हैं| इन सुविधाओं के अभाव में उनका विकास सामान्य बालकों के समान नहीं हो पाता और उनके विकास में गतिरोध आ जाता है ऐसे बालक  अपवंचित  बालक  कहलाते हैं| सामाजिक स्तर से वंचित बालक - सामाजिक स्तर से वंचित बालक वह होते हैं जो गरीबी अशिक्षा परिवार की खराब स्थिति के कारण वंचित रह जाते हैं - सामाजिक रुप से निम्न( जाति वर्ग या धर्म के आधार पर ) सांस्कृतिक स्तर से निम्न घर का बिगड़ा माहौल व सुविधाओं का अभाव...

सूझ का सिद्धांत (कोहलर)ctet success topic 8

इस सिद्धांत को गेस्टाल्ट का सिद्धांत भी कहते हैं इस सिद्धांत का प्रतिपादन जर्मनी के गेस्टाल्ट वादियों ने किया था| सूझ के सिद्धांत का वर्णन करने से पूर्व हम यह बताना चाहेंगे की सूझ क्या है? गुड ने सूझ की  परिभाषा इस प्रकार दी है, सूझ वास्तविक स्थिति का आकस्मिक निश्चित और तत्कालिक ज्ञान है|"  सूझ से काम करने की योग्यता  अधिक विकसित पशुओं तथा  मनुष्य में पाई जाती है  वास्तव में  सूझ के द्वारा सीखना  प्रयास एवं  त्रुटि सिद्धांत का ही परिणाम है| कोहलर का प्रयोग - गेस्टाल्टवादी कोहलर ने वनमानुषों पर अनेक प्रयोग यह जानने के लिए किया कि क्या वे सूज के द्वारा सीखते हैं? कोहलर द्वारा किया गया एक प्रयोग निम्नलिखित है - कोहलर ने 6 वनमानुष को एक कमरे में बंद कर दिया| उसने कमरे की छत से एक अकेला लड़का दिया | केला इतना ऊंचा  लटकाया गया था कि वनमानुष  वहां तक  पहुंच नहीं सकता था | कमरे में  एक बक्सा भी  रख दिया  गया|  वनमानुष ने  उछलकर  केला लेना  चाहा परंतु  वह सब  अपने प्रयास में  सफल नही...

संबंध प्रतिक्रिया का सिद्धांत( पावलव) ctet success topic 7

संबंध प्रतिक्रिया का सिद्धांत पावलव द्वारा प्रतिपादित किया गया है| इसे अनुक्रिया अनुबंधन का सिद्धांत भी कहते हैं| संबद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धांत शरीर विज्ञान का सिद्धांत है यह सिद्धांत संबंधवाद के सिद्धांत को की 'उद्दीपक और प्रतिक्रिया का संबंध होना ही सीखना है' मान्यता प्रदान करता है| पावलव का प्रयोग - संबंध प्रतिक्रिया सिद्धांत के प्रतिपादक व्यवहारवादी हैं सबसे पहले रूसी विद्वान पावलव ने शारीरिक प्रक्रियाओं को उत्तेजना से संबंध करने का विचार उपस्थित किया उसने संबंध प्रतिक्रिया के सिद्धांत की सत्यता जानने के लिए प्रयोग किया है यह प्रयोग इस प्रकार है  -  पावलव ने प्रयोग के लिए एक कुत्ता लिया| उसने एक निश्चित समय पर भोजन दिया| भोजन देने के साथ-साथ पावलव ने घंटी बजाई| यह स्वभाविक ही था की भोजन को देख कर  कुत्ते के मुंह में लार आ जाती थी| लार आना एक स्वाभाविक क्रिया थी उसके पश्चात पावलव ने कुत्ते को भोजन नहीं दिया उसने केवल घंटी बजाई|  ऐसी स्थिति में  भी  कुत्ते के मुंह से  लार टपकने लगती थी  यह एक स्वाभाविक  क्रिया  नहीं थी  इसक...

प्रयास तथा त्रुटि का सिद्धांत(ctet success topic) 6

प्रयास तथा त्रुटि सिद्धांत के प्रतिपादक थार्नडाइक थे| सीखने में यह सिद्धांत भी अपना विशेष महत्व रखता है थार्नडाइक का विश्वास है कि चूहे तथा बिल्ली की तरह बालक भी प्रयास और त्रुटि के द्वारा ही सीखते हैं| बालक इसी सिद्धांत के अनुसार चलना बोलना तथा भोजन करना सीखते हैं| सिद्धांत का सार - इस प्रकार के सीखने को हम सफल प्रतिक्रियाओं के चुनाव के द्वारा सीखने की विधि  भी कहते हैं|  इस सिद्धांत का स्पष्टीकरण निम्न प्रकार किया जा सकता है - जब कोई व्यक्ति कोई कार्य करना सीखता है तो उसने आरंभ में त्रुटियां होती हैं परंतु बार बार प्रयत्न करने पर व्यक्ति उसे करना सीख जाता है| सीखना जो इस प्रकार संभव होता है त्रुटि और प्रयास से सीखना कहलाता है|  वुडवर्थ के अनुसार," प्रयास और त्रुटि के अंतर्गत किसी नवीन कार्य को सीखने के लिए अनेक प्रयत्न करने पड़ते हैं जिनमें अधिकांश गलत होते हैं|" थार्नडाइक का प्रयोग -  प्रयास एवं त्रुटि सिद्धांत के प्रतिपादक थार्नडाइक है उसने एक प्रयोग किया उसने एक दिल्ली पकड़ी उसे उसने भूखा रखा| इस भूखी बिल्ली को पिंजड़े में बंद कर दिया गया|  एक खटके ...

बाल विकास(ctet success topic) 6

विकास की अवधारणा :- विकास की प्रक्रिया अविरल क्रमिक तथा सतत् प्रक्रिया है, जो बालक में शारीरिक, क्रियात्मक, संज्ञात्मक, भाषात्मक, संवेगात्मक तथा सामाजिक विकास करती है l बाल विकास का तात्पर्य है :- बालक के विकास की प्रक्रिया, यह उसके जन्म से पूर्व गर्भ में ही प्रारम्भ हो जाती है, विकास की इस प्रक्रिया में वह गर्भावस्था, शैशवावस्था, बाल्यावस्था, किशोरावस्था, तथा प्रौढ़ावस्था इत्यादि अवस्थाओं से गुजरते हुए परिपक्वता की स्थिति प्राप्त करता है l विकास के अभिलक्षण :- -विकास जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है l -विकासात्मक परिवर्तन सामान्य से विशिष्ट की ओर, सरल से जटिल की ओर एकीकृत से क्रियात्मक स्तरों का अनुसरण करते है l -विकास की प्रक्रिया सतत् के साथ-साथ विछिन्न अर्थात दोनों प्रकार की होती है, कुछ परिवर्तन तेजी से होते हैं और सुस्पष्ट रूप से दिखाई भी देते हैं, जैसे पहला दांत निकलना जबकि कुछ परिवर्तन दिन प्रतिदिन की क्रियाओं में आसानी से देख पाना संभव नहीं होता, क्योकि वे अधिक प्रखर नहीं होते जैसे व्याकरण को समझना l -विकास बहुत ही लचीला होता है, इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति अपनी प...