सूझ का सिद्धांत (कोहलर)ctet success topic 8

इस सिद्धांत को गेस्टाल्ट का सिद्धांत भी कहते हैं इस सिद्धांत का प्रतिपादन जर्मनी के गेस्टाल्ट वादियों ने किया था| सूझ के सिद्धांत का वर्णन करने से पूर्व हम यह बताना चाहेंगे की सूझ क्या है?

गुड ने सूझ की  परिभाषा इस प्रकार दी है, सूझ वास्तविक स्थिति का आकस्मिक निश्चित और तत्कालिक ज्ञान है|"

 सूझ से काम करने की योग्यता  अधिक विकसित पशुओं तथा  मनुष्य में पाई जाती है  वास्तव में  सूझ के द्वारा सीखना  प्रयास एवं  त्रुटि सिद्धांत का ही परिणाम है|

कोहलर का प्रयोग - गेस्टाल्टवादी कोहलर ने वनमानुषों पर अनेक प्रयोग यह जानने के लिए किया कि क्या वे सूज के द्वारा सीखते हैं? कोहलर द्वारा किया गया एक प्रयोग निम्नलिखित है -

कोहलर ने 6 वनमानुष को एक कमरे में बंद कर दिया| उसने कमरे की छत से एक अकेला लड़का दिया | केला इतना ऊंचा  लटकाया गया था कि वनमानुष  वहां तक  पहुंच नहीं सकता था | कमरे में  एक बक्सा भी  रख दिया  गया|  वनमानुष ने  उछलकर  केला लेना  चाहा परंतु  वह सब  अपने प्रयास में  सफल नहीं हुए| अंत में  उनमें से  सुल्तान नाम का एक वनमानुष केला लेने में सफल रहा क्योंकि वह  कुछ समय तक  इधर उधर घूमा  फिर वह बक्से के पास  जाकर  खड़ा हो गया फिर उसने बक्से को खिसकाया और केले के नीचे ले गया बक्से पर चढ़कर उसने केला तोड़ लिया|

उपर्युक्त प्रयोग से कोहलर ने इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि सुल्तान के प्रयासों में शूझ थी|

सूझ सिद्धांत के गुण - इस सिद्धांत के गुण इस प्रकार हैं -

  1. यह सिद्धांत व्यावहारिक समस्याओं को हल करने में उपयोगीीीीीी सिद्ध होता है|
  2. वनमानुष की भाति बालक और  वयस्क  भी  इसी सिद्धांत के अनुसार सीखते हैं|
यह सिद्धांत रचनात्मक कार्यों के सीखने में विशेष उपयोगी होता है|

विशेषताएं - इस सिद्धांत की निम्नलिखित विशेषताएं हैं -

  1. सीखने की प्रक्रिया संज्ञानात्मक होती है|
  2.  सीखना धीरे धीरे ना होकर अचानक होता है|
  3. सीखने की प्रक्रिया में व्याप्त शूज अचानक आती है|
  4. सू झ के लिए समस्यात्मक परिस्थिति का होना अनिवार्य है|

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

दक्षता आधारित मूल्यांकन

D.el.ed school based activities solved case study of a child

उत्तम परीक्षण की विशेषताएं(ctet success topic) 5