क्रियात्मक शोध(ctet success topic) 1
क्रियात्मक शोध का अर्थ-
कोरे के अनुसार," क्रियात्मक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यवहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक ढंग से अपनी समस्याओं का अध्ययन अपने निर्णय और क्रियाओं में निर्देशन, सुधार और मूल्यांकन करते हैं|"
हिंदी में संभवत है सर्वप्रथम कामता प्रसाद पांडे ने 1965 में शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान नाम की पुस्तक की रचना की थी उनके अनुसार," शिक्षा संस्थाओं और शैक्षणिक अनुसंधान कर्ताओं के बीच एक ऐसी खाई सी बन गई है जिसे पाटना प्रजातंत्र की रक्षा हेतु नितांत आवश्यक बन गया है| प्रजातंत्रात्मक राष्ट्र के विद्यालयों में सतत विकास शील बनाए रख कर ही प्रजातंत्र को जीवित रखा जा सकता है| इसके लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्य, व्यवस्थापकों, अध्यापकों तथा निरीक्षकों को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारियों को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने की चेष्टा करें| वह अपने शैक्षणिक समस्याओं का हल स्वयं ढूंढें तथा सदैव इस बात का प्रयत्न करें कि विद्यालय निरंतर प्रगति के नवीन चिन्हों का सृजन करें| शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान इसी तथ्य की पुष्टि हेतु विकसित हुआ है|"
"जब शिक्षक अपनी कक्षागत समस्या को स्वयं वैज्ञानिक ढंग से हल करता है वह क्रियात्मक अनुसंधान होता है|"
शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का महत्व- क्रियात्मक अनुसंधान एक ऐसी विधि है जो वर्तमान शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करती है| संक्षेप में क्रियात्मक अनुसंधान के महत्व को निम्नलिखित रुप में स्पष्ट किया जा सकता है-
कोरे के अनुसार," क्रियात्मक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यवहारिक कार्यकर्ता वैज्ञानिक ढंग से अपनी समस्याओं का अध्ययन अपने निर्णय और क्रियाओं में निर्देशन, सुधार और मूल्यांकन करते हैं|"
हिंदी में संभवत है सर्वप्रथम कामता प्रसाद पांडे ने 1965 में शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान नाम की पुस्तक की रचना की थी उनके अनुसार," शिक्षा संस्थाओं और शैक्षणिक अनुसंधान कर्ताओं के बीच एक ऐसी खाई सी बन गई है जिसे पाटना प्रजातंत्र की रक्षा हेतु नितांत आवश्यक बन गया है| प्रजातंत्रात्मक राष्ट्र के विद्यालयों में सतत विकास शील बनाए रख कर ही प्रजातंत्र को जीवित रखा जा सकता है| इसके लिए विद्यालयों के प्रधानाचार्य, व्यवस्थापकों, अध्यापकों तथा निरीक्षकों को चाहिए कि वह अपनी जिम्मेदारियों को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने की चेष्टा करें| वह अपने शैक्षणिक समस्याओं का हल स्वयं ढूंढें तथा सदैव इस बात का प्रयत्न करें कि विद्यालय निरंतर प्रगति के नवीन चिन्हों का सृजन करें| शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान इसी तथ्य की पुष्टि हेतु विकसित हुआ है|"
"जब शिक्षक अपनी कक्षागत समस्या को स्वयं वैज्ञानिक ढंग से हल करता है वह क्रियात्मक अनुसंधान होता है|"
शिक्षा में क्रियात्मक अनुसंधान का महत्व- क्रियात्मक अनुसंधान एक ऐसी विधि है जो वर्तमान शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं का वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करती है| संक्षेप में क्रियात्मक अनुसंधान के महत्व को निम्नलिखित रुप में स्पष्ट किया जा सकता है-
- विद्यालय की कार्यप्रणाली में वांछित सुधार करना|
- विद्यालय में व्याप्त यांत्रिकता एवं रूढ़िवादिता के वातावरण को समाप्त करना|
- विद्यार्थियों के सर्व मुखी विकास के लिए विद्यालय की क्रियाओं का प्रभावकारी आयोजन|
- विद्यालय की उपलब्धियों के स्तर को बढ़ाने में सहायक|
क्रियात्मक अनुसंधान का क्षेत्र - क्रियात्मक अनुसंधान का क्षेत्र बड़ा सीमित है यहां पर क्षेत्र से हमारा संबंध अनुसंधान की क्रिया सीमा से है यदि क्षेत्र का अर्थ है जहां-जहां क्रियात्मक अनुसंधान किया जा सकता है इस बात से ले तो क्रियात्मक अनुसंधान का बड़ा व्यापक क्षेत्र है|
क्रियात्मक शोध के चरण या सोपान -
- समस्या चयन
- समस्या को परिभाषित करना
- समस्या सीमांकन
- समस्या के संभावित कारणों का पता लगाना तथा कारणों का विश्लेषण
- क्रियात्मक परिकल्पना निर्माण
- अभिकल्प निर्माण एवं उपकरणो का विकास
- विश्लेषण
- निष्कर्ष
Hello pkk mind, Happy to be a part of such great Community. Thanks!
ReplyDeleteWe would like to invite you to watch this New Rhymes For Kids
सारगर्भित लेख
ReplyDeleteMast
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